आधुनिक भारत में विभिन्न समाजों का गठन हुआ है जो अपनी विशेषताओं और संस्कृति के आधार पर पहचाने जाते हैं। अखिल भारतीय मैथिल क्षत्रिय समाज इन समाजों में से एक है जिसे मैथिली भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रमुख तत्वों का संचार करने के लिए जाना जाता है।
अखिल भारतीय मैथिल क्षत्रिय समाज एक सामाजिक संगठन है जो मैथिली भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने और प्रशासनिक तथा सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है। यह समाज भारत के बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र राज्यों में विभिन्न स्थानों पर मौजूद है।
अखिल भारतीय मैथिल क्षत्रिय समाज के सदस्यों का मुख्य ध्येय है मैथिली भाषा, साहित्य और संस्कृति को संरक्षित रखना और इनका प्रचार-प्रसार करना। इस समाज के सदस्य अपनी भाषा, साहित्य, कला, संगीत, नृत्य, रंगमंच और अन्य क्षेत्रों में महारत हासिल करते हैं और इनको संबंधित क्षेत्रों में मौजूद अवसरों का लाभ उठाने का अवसर मिलता है।
अखिल भारतीय मैथिल क्षत्रिय समाज के सदस्य सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए भी कार्य करते हैं। यह समाज विभिन्न कार्यक्रमों, सेमिनारों, मेलों, कवि सम्मेलनों और अन्य सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन करता है जो सदस्यों को एक साथ आने और अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने का मौका देते हैं।
अखिल भारतीय मैथिल क्षत्रिय समाज के सदस्य अपने समाज के विकास और समृद्धि के लिए भी कार्य करते हैं। यह समाज शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, रोजगार के अवसर, महिला सशक्तिकरण और अन्य क्षेत्रों में उपायों का विकास करता है। समाज के सदस्य द्वारा नियोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से, यह समाज सदस्यों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से समृद्ध बनाने का प्रयास करता है।
अखिल भारतीय मैथिल क्षत्रिय समाज एक महत्वपूर्ण सामाजिक संगठन है जो मैथिली समाज को एक साथ लाने और उसे प्रगति की ओर ले जाने का कार्य करता है। इस समाज के सदस्य समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योगदान देते हैं और इसके माध्यम से अपनी संस्कृति और धरोहर को संरक्षित रखते हैं।